Wednesday 9 July, 2008

अब ब्राह्मणों की बारी

इस बार आरक्षण की मुहिम दक्षिण भारत से उठी है। लक्ष्य है इस मुद्दे पर देश भर के ब्राह्मणों को एकजुट करना। इसकी कमान संभाली है दक्षिण भारत के छोटे से गांव के अय्यर परिवार ने। पिता-पुत्र दोनों ही इन दिनों ब्राह्मणों की राय लेने के लिए उत्तरप्रदेश के दौरे पर हैं। वह अब तक कई जिलों में घूमकर आधा सैकड़ा से अधिक बैठकों में रायशुमारी कर चुके हैं। इसके साथ ही देश भर में कितने तरह के ब्राह्मण हैं इसका भी लेखाजोखा तैयार किया जा रहा है।कर्नाटक के बैंगलोर में रहने वाले एम एस शंकर अय्यर और उनके पिता एमएस मनी अय्यर इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। यह अय्यर पिता-पुत्र कभी केरल के पालघाट का निवासी था। यह वही गांव है जहां से एक तेज तर्रार मुख्य चुनाव आयुक्त थे। अय्यर अयंगर ब्राह्मण होते हैं। इनकी केरल में मजबूत लॉबी है। कर्नाटक में बस चुके यह लोग कर्नाटक ब्राह्मण सभा से जुड़े हैं। पुत्र एक प्रतिष्ठित कंप्यूटर साफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत है।अय्यर पिता-पुत्र अब तक प्रदेश के 35 से अधिक जिलों का दौरा कर ब्राह्मणों में आरक्षण की आग सुलगा चुके हैं। पहली बार मिलने पर अय्यर किसी को यही बताते हैं कि वह देश भर में कितने तरह के ब्राह्मण हैं यह जानने को निकले हैं। बातों का सिलसिला आगे बढ़ता है तो फिर आरक्षण की बात खुलकर कहते हैं। यह भी कहते हैं कि देश भर में ब्राह्मणों की दशा का अध्ययन करने के बाद इंटरनेट पर ब्लॉग जैसा कुछ करना है। हालांकि अभी इसकी रुपरेखा तय नहीं है। किसी भी शहर में यह दो या फिर तीन दिन रुकते हैं। लोगों से व्यक्तिगत बातें करते हैं और बातों का यह सिलसिला अपनों में फैलाने का संदेश भी देते हैं। बात मतलब की होती है सो तेजी से शहर के ब्राह्मण आगंतुकों से मिलते हैं। फिर अगले दिन बैठक बुला ली जाती है। इन बैठकों में बकायदा मोरचा बनाने और शहर में कमेटी गठित करने की बात होती है। बातों का लब्बोलुबाब आरक्षण ही होता है। बकौल शंकर अय्यर अब तक वह प्रदेश के 35 जिलों का दौरा कर चुके हैं। वह अपनी बात पहले छोटे शहरों के लोगों में फैले सजातीयों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही दिसंबर की 15, 16, 17 को बंगलौर में होने वाले कर्नाटक ब्राह्मण सभा के सम्मेलन में भी आने का बुलावा दे रहे हैं। उनके मुताबिक लोग उनकी बात सुन रहे हैं। कमेटी बनाने को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। मणि के मुताबिक इस प्रदेश के लोग उन्हें ध्यान से सुन रहे हैं इससे उनका हौसला बढ़ा है।